फ्रांस के ल्यूक मॉन्टैग्नियर (Luc Montagnier) नोबेल पुरस्कार विजेता हैं और एक वायरोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन की पुष्टि की है जिसमे यह दावा किया गया था, कि COVID-19 को HIV-AIDS के अवशेषण के साथ मिलाकर तैयार किया गया है। ग्रेटगेमइंडिया के पाठकों को याद होगा कि इस अध्ययन के परिणाम प्रकाशित करने के बाद, हमें सोशल मीडिया विशेषज्ञों की भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था। नतीजतन शोधकर्ताओं को भी अपने पेपर को वापस लेने के लिए मजबूर हो गए थे। और अब नोबेल पुरस्कार विजेता की इस पुष्टि ने ऐसी सभी आलोचनाओं को सिरे से ख़ारिज कर दिया है।
एक्सक्लूसिव रिपोर्ट: क्या कोरोना वायरस एक जैविक हथियार है
एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देखिए: जैवयुद्ध विशेषज्ञ डॉ फ्रांसिस बॉयल – कोरोनावायरस एक जैविक युद्ध हथियार
फ्रांसीसी विषाणुविज्ञानी Luc Montagnier को 2008 में AIDS वायरस की खोज के लिए दवा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था। Why Doctor के साथ एक साक्षात्कार में, 16 अप्रैल को प्रोफेसर ने कहा कि उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं है कि COVID-19 वुहान के जंगली जानवरों के बाजार से आया है। यह एक छलावा है, ऐसा होना संभव ही नहीं है। इस वायरस को वुहान प्रयोगशाला में तैयार किया गया है।
फ्रांसीसी फ्री-टू-एयर न्यूज़ चैनल Cnews ने Luc Montagnier के हवाले से कहा:
“वुहान शहर की प्रयोगशाला 2000 के दशक की शुरुआत से ही कोरोनावायरस परीक्षण में विशिष्ट है। उन्हें इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है। प्रोफेसर बताते हैं कि वायरस के सबसे छोटे विवरण को लेकर उनके गणितज्ञ सहकर्मी Jean-Claude Perrez के साथ अनुक्रम का विश्लेषण किया गया है। और ऐसा करने वाले हम पहले नहीं थे, क्योंकि हमसे पहले इसपर भारतीय शोधकर्ताओं के एक समूह ने एक अध्ययन किया था। जिससे यह पता चला कि इस कोरोनावायरस को दूसरे वायरस के साथ मिलाकर तैयार किया गया है, और वह दूसरा वायरस HIV-AIDS है।
नोबेल पुरस्कार विजेता ने ग्रेटगेमइंडिया द्वारा प्रकाशित किए गए लेख और उससे फैले विवाद का भी उल्लेख किया। और यहां तक कि COVID-19 के उपचार के लिए HIV टीके के उपयोग के हमारे निष्कर्षों कि भी पुष्टि की:
Dear @GreatGameIndia
It appears that one of your study concerning HIV insertions inside coronavirus made it to a Nobel prize winner, Luc Montagnier https://t.co/82BMeFiAhqHe discovered HIV was nominated for a Nobel prize in 2008/2009. He was inspired by an Indian group.
— Aube Digitale (@AubeDigitale) April 17, 2020
शोधकर्ता का कहना है कि इस अध्ययन के प्रकाशन के बाद भारतीय अनुसंधान समूह को पीछे हटना पड़ा था। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सच्चाई हमेशा ही बाहर आती है। उनके अनुसार, HIV वैक्सीन बनाने के प्रयास में कोरोनावायरस के जीनोम में HIV अनुक्रम डाला गया था। उन्होंने वैज्ञानिकों की चुटकी लेते हुए कहा की जरूर यह किसी नौसिखिये का काम होगा।
वायरस संबंधित विभिन्न अध्ययन तब से इसी तरह के निष्कर्षों पर पहुंचे हैं। लगभग तीन महीने पहले प्रकाशित की गयी हमारी रिपोर्ट अब दुनिया भर के विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित की जा रही है। यहाँ तक कि तथाकथित मुख्यधारा के मीडिया को भी इस पर ध्यान देने के लिए दबाव पड़ रहा है। मुख्य धारा की मीडिया नें शुरू में इसे झूठा और पब्लिसिटी स्टंट कहके नकार दिया था। और अब इस भू-राजनैतिक विश्लेषण को मानने के लिए उसे भी मजबूर होना पड़ रहा है।
https://twitter.com/Goldskuul/status/1251112164527673344
भारतीय वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला था कि COVID-19 को HIV-AIDS के अवशेषण के साथ मिलाकर तैयार किया गया था। अध्ययन ने यह निष्कर्ष निकाला था कि एक वायरस के लिए स्वाभाविक रूप से संभव ही नहीं है कि वह इतने कम समय में इस तरह के अनोखे सम्मिलन हासिल कर ले। इसी बीच, चीन सहित कई देशों ने कोरोनावायरस उपचार के लिए AIDS दवा का उपयोग करना शुरू भी कर दिया।
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ग्रेटगैमइंडिया जियोपॉलिटिक्स और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर एक पत्रिका है। हमारी विशेष पुस्तक India in Cognitive Dissonance में भारत के सामने आने वाले भू-राजनीतिक खतरों को जानें। आप हमारी पिछली पत्रिका प्रतियां यहां प्राप्त कर सकते हैं।
https://theduran.com/coronavirus-the-plot-thickens/?utm_source=newsletter&utm_medium=email&utm_campaign=the_duran_daily&utm_term=2020-03-18
April, 2019: An outbreak of severe vaping-associated lung illness is exclusively confined to the United States, despite the fact that the majority of vapers live outside the US July3, 2019: The CDC halts research at Fort Detrick, citing “national security reasons” for not releasing information about its decision.
https://www.globalresearch.ca/coronavirus-covid-19-made-in-china-or-made-in-america/5706272
COVID-19: “Made in China” or “Made in America”?
And now a new bombshell has emerged: The White House rhetoric of accusing China of spreading the “Wuhan virus” Worldwide has been questioned by both Japanese and Chinese reports:
A report from a Japanese TV station that suspected some of the 14,000 Americans died of influenza may have unknowningly contracted the coronavirus has gone viral on Chinese social media, stoking fears and speculations in China that the novel coronavirus may have originated in the US.
https://www.unz.com/article/last-man-standing/
It is now virtually certain that COVID-19 was brought to Wuhan by American troops taking part in the city’s World Military Games last Oct. 18-27.
The 300-strong US contingent stayed 300 meters from the Huanan Seafood Market where China’s outbreak began (see map below) at the Wuhan Oriental Hotel.
Five of the US troops developed a fever on Oct. 25 and were taken to an infectious-diseases hospital for treatment.
42 employees of the Oriental Hotel were diagnosed with COVID-19, becoming the first cluster in Wuhan. At the time only 7 people from the market had been thus diagnosed (and treated before the hotel staff). All 7 had contact with the 42 from the hotel. From this source, the virus spread to the rest of China.
The American Military Games team trained at a location near Fort Detrick, the military’s viral lab closed down by the CDC in July for various deficiencies.
The big question now is whether the transmission was planned, or accidental.
https://www.globalresearch.ca/ten-questions-for-the-u-s-where-did-the-novel-coronavirus-come-from/5707035